आज रहमत माँ दी होई साड़े घर जगराता होया,
सोहना माँ दा भवन सजाया,
सब न माँ ने आप भुलाया,
आज रज रज माँ न तकना,
साड़े घर जगराता होया,
मैया बैठी खोल भंडारे,
किरपा तेरी भरे भंडारे,
आज मंग दे भी न थकना,
साडे घर जगराता होया,
ढोली ढोल बजा आज गजके,
भंगड़ा पावा आज मैं रज के ,
आज नच नच खुशी मनावा,
साड़े घर जगराता होया,