प्रभु जी सदा किरपा हम पे बनाये रखना,
जो रास्ता सही हो उस पे चलाए रखना,
किरपा बनाये रखना,
एह दो जहां के मालिक तेरे दर के हम सवाली,
सब कुछ गया है लेकिन मर्यादा है सम्बाली,
जो सिखाया न भुला न हर हाल मुश्कुराना,
आंसू छुपाये रखना,
किरपा बनाये रखना.....
एह दो जहां के मालिक अब क्या गिला करू मैं,
सब इक बार मर के क्यों रोज ही मरू मैं,
सह पाउगी मैं कैसे गम की चिता पे एसे,
खुद को जलाये रखना,
किरपा बनाये रखना.....
एह दो जहां के मालिक कया भूल है हमारी,
कट ती नही बता क्यों किस्मत के रेखा काली,
अब सारे दर्द लेले कोई दिन सबा का दे दे,
पल भर ह्साये रखना,
किरपा बनाये रखना.....