मिलती है अम्बे रानी के दर्शन कभी-कभी,
खुशीओं में झूमता है ये तन मन कभी कभी,
मिलती है अम्बे रानी के दर्शन कभी-कभी
दर्शन की लालशन में भटक ते रहे सदा,
तन्हाइयो में खलता है जीवन कभी कभी,
मिलती है अम्बे रानी के दर्शन कभी-कभी
माता के बीच में खड़ी है दीवार खुशियों की,
खामोश होने लगती है धड़कन कभी कभी,
मिलती है अम्बे रानी के दर्शन कभी-कभी
मैया के सामने मेरी नजर झुकी हुआ,
दर्शन के नहीं दीखते शाहधन कभी कभी,
मिलती है अम्बे रानी के दर्शन कभी-कभी