मैं कैसे तन्ने मनाऊ ओ मईया,
भीड़ घनी तेरे दर पै।।
घनी दूर से आई मईया,
लाल चुनरियाँ लेआयी,
मैं कैसे तन्ने मनाऊ ओ मईया,
भीड़ घनी तेरे दर पै।।
मईया मईया गाती आउ,
दिल से तुम्हे मनाऊ,
मैं कैसे तन्ने मनाऊ ओ मईया,
भीड़ घनी तेरे दर पै।।
भोग लगाने आई मईया,
करदे मन की चाही,
मैं कैसे तन्ने मनाऊ ओ मईया,
भीड़ घनी तेरे दर पै........