हो मेला लगा मैया के द्वार चलो जिसे करना हो दीदार,
संदेसा आया है शेरावाली माँ ने द्वार भुलाया है,
अन्धो को नैन मिले दर से गूंगे भी भजन करे तेरा,
मुर्दे भी सांसे पा जाए ऐसा पावन है नाम तेरा,
अजब तेरी माया है,शेरावाली माँ ने द्वार भुलाया है...
कोई मांगे बेटा धन दौलत कोई मांगे महल खजाना माँ,
इस दर से सब कुछ मिल जाये ये जाने कुल ज़माना माँ,
भेद ना पाया है शेरा वाली माँ ने द्वार भुलाया है,
जगमग जगती है ज्योत तेरी जो जग को रोशन करती है,
दीपक जोगी बन आया दर पे माँ सबकी चिंता हर ती है,
अजब बड़ी माया है शेरावाली माँ ने द्वार भुलाया है,