परचम लहराया रन में रघुवर की शान का,
लंका में डंका भाजे प्यारे हनुमान का,
परचम लहराया रन में रघुवर की शान का,
इक से इक बढ़ के राम की सेना में वीर थे,
मुगदर मुगदर टकराये तीरो से तीर थे,
बल अतुल है बजरंगी में दोनों जहां का,
लंका में डंका भाजे प्यारे हनुमान का,
परचम लहराया रन में रघुवर की शान का,
श्री राम के सेवक की लीला महान है,
इनके हाथो में सेना की सारी कमान है,
तुलसी ने रचा चालीसा जन के कल्याण का,
लंका में डंका भाजे प्यारे हनुमान का,
परचम लहराया रन में रघुवर की शान का,
रवि शाशी से बढ़ के तेज है हनुमत के नूर का,
टिका निमाने लगता है जिनको सिंदूर का,
सिया मात दियां हनुमत को अमृत वरदान का,
लंका में डंका भाजे प्यारे हनुमान का,
परचम लहराया रन में रघुवर की शान का,