कृष्ण की दीवानी बनकर, मीरा ने घर छोड़ दिया
इक राजा की बेटी ने गिर,धर से नाता जोड़ लिया ll
नाचे गाए, मीरा बाई, लेकर मन का इक तारा l
पग में घुंघरू, गले में माला, भेष योगन का है धारा l
*राणा कुल की, आन-बान को ll, मीरा जी ने तोड़ दिया,
कृष्ण की दीवानी बनकर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
भक्ति ज्ञान का, था इक तारा, हर घुँघरू में नाद भरा l
हरि गायण में, वसे कन्हैया, भक्ति भाव में स्वाद भरा l
*ज्योति से ज्योत, मिला दी उसने ll, सबसे नाता तोड़ लिया,
कृष्ण की दीवानी बनकर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
सास कहे, कुल नाशी मीरा, लगे गले में फाँसी रे l
कैसे जीना, होगा तेरा, जग करता है हाँसी रे l
*मन के पिया की, बनी योगनियाँ ll,
और तन के पिया को छोड़ दिया,
कृष्ण की दीवानी बनकर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
साँप पिटारा, राणा भेजा, हार मौत के शुलों का l
हँस करके, मीरा ने पहना, हार बन गया फूलों का l
*प्रेम दीवानी, मीरा देखो ll, मोह का बंधन तोड़ दिया,
कृष्ण की दीवानी बनकर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
पी गई मीरा, बाई देखो, राणा के विष का प्याला l
कौन बिगाड़, सका है उसका, जिसका गिरधर रखवाला l
*गिरधर के रंग, में मीरा ने ll, जग से नाता तोड़ लिया,
कृष्ण की दीवानी बनकर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
श्याम शरण में, जो कोई जाए, वो श्याम का बन जाता l
भक्त दयालु, भजन भाव में, मीरा के ही गुण गाता l
*भव सागर से, तर गई मीरा, जग से बंधन तोड़ दिया,
कृष्ण की दीवानी बनकर,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
*जय जय राधे, जय जय राधे, xll-llll
हरे कृष्णा,,,धुन
अपलोडर- अनिलरामूर्तिभोपाल