पलकों से उदासी को जरा दूर भगा दे श्याम,
रोती हुई आँखों को आकर के हँसा दे श्याम
तेरी याद में ओ कान्हा मेरी आखे बरस ती है,
दीदार कन्हिया का पाने को तरस ती है,
आ बहती आँखों को दर्शन दिख्लादे श्याम,
रोती हुई आँखों को आकर.............
माना इन आँखों में आंसू भी जरुरी है,
दर्शन के बिना लेकिन ये आंखे अधूरी है,
खुशियों के आंसू दे दुखडो के हटा दे श्याम,
रोती हुई आँखों को आकर............
आँखों की पुतली में तेरा अक्ष उबर ता है,
आँखों के जरिये को इस दिल में उतर ता है,
तेरे हर्ष की आँखों को एसी ना सजा दे श्याम,
रोती हुई आँखों को आकर............