कितना प्यारा तेरा कितना सोहना तेरा मुखड़ा सांवरिया नज़ारे और क्या देखे,
मोर मुकट माथे चन्दन का टिका है,
तुमसे चमकना चाँद सूरज ने सीखा है,
गल फूलो की माला होठो पे बांसुरियां नज़ारे और क्या देखे
कितना प्यारा तेरा कितना सोहना.........
सांवला है रूप तेरा नैन कजरारे है,
उसपे ये काले काले केश घुंगराले है,
जिसको देख के होता मन ये पावरियाँ,नज़ारे और क्या देखे
कितना प्यारा तेरा कितना सोहना.........
मुस्कान तेरी श्याम कितनी हसीन है,
छलिया है तू और तेरी छवि रंगीन है,
कुंदन कहता कान्हा तू है मन वसियां,नज़ारे और क्या देखे
कितना प्यारा तेरा कितना सोहना.........