तू मेरी मईया है जवाला शहर दी,
मैं पुजारी तेरे नाम दा पुजारी तेरे नाम पुजारी तेरे नाम दा,
तू मेरी मईया है जवाला शहर दी,
अकबर राजा मईया तनु अजमाया,
जग दियां ज्योता उते तवी नु चढ़ाया,
तवी विचो होया प्रकाश दातिए,
मैं पुजारी तेरे नाम दा.........
ध्यानु भगत तेरे दर ते आया,
कट के शीश मईया चरनी चढ़ाया,
क्ट्या शीश तू जोड़ा दतिये,
मैं पुजारी तेरे नाम दा....
रच्या है तू आलम सारा पंकज नु माये तेरा सहारा,
तेरा अंत किसे न पाया दातिये,
मैं पुजारी तेरे नाम दा........