लभ दो जी लभ दो,
साडी मैया कित्थे लभ दो॥
जिसदी जीत निराली-जय हो,
सबनू तारण वाली-जय हो,
जो किरपा बरसावे-जय हो,
सबदे भाग जगावे-जय हो,
ओ मेरी मईया किथे लभ दो,
लभ दो जी लभ दो,
साडी मैया कित्थे लभ दो॥
जो करदी ऐ रखवाली- जय हो,
कोई वी आवे सवाली- जय हो,
दर तो मोड़े न खाली- जय हो,
जो भरदी झोली खाली-जय हो,
ओ मेरी मैया कित्थे लभ दो,
लभदो जी लभदो....
जो सबदे काज सवारे-जय हो,
सबनू चरनी लावे-जय हो,
सबदे मन विच वस्दी-जय हो,
अपने रंग विच रँगदी-जय हो,
ओ मेरी मैया कित्थे लभ दो,
लभदो जी लभदो....
ओहदा प्यार अनोखा-जय हो,
दुख सब कटदा सोखा-जय हो,
करदी ठन्डिया छाहवाँ-जय हो,
देंदी मिठिया मुरादा-जय हो,
ओ मेरी मैया कित्थे लभ दो,
लभदो जी लभदो....