मन्नै आवै हिचकी पर्वत पे बैठी मैया की याद सतावै हिचकी
माली के घर मैं गई वहां मालन पाई प्यारी,
मेरी मैया का हार बना दे सूरत भोलो भाली,
दरजी के घर मैं गई वहां दर्जिन पाई प्यारी,
मेरी मैया का चोला सी दे सूरत भोली भाली,
सुनार के घर मै गई वहां सुनारी पाई प्यारी,
मेरी मैया का हार घड दे सूरत भोली भाली,
हलवाई के घर मैं गई वहां हलवे की तैयारी,
मेरी मैया का भोग बना दे सूरत भोली भाली,
भगतो के घर मैं गई वहां सांगत पाई प्यारी,
मेरी मैया को भजन सुना दो सूरत भोली भाली,