चिट्टा फुल गुलाबे दा
फुल्ला तैनू साम्भ के रखा
मेरी मैया जी दे बागे दा
कोठे उत्ते सुखावा छलिया
रूत नवरात्रेया दी यात्रा दवारे चलिया
चिट्टा......
खटैया पुट्टा लगावा मिठिया
मैया दर चलो भग्तो सानु मैया जी ने पाईया चिठिया
चिट्टा.......
लाल चुनी नु लगावा गोटा
मैया जी दे दर भग्तो कोई बडा ना कोई छोटा
चिट्टा.......
ओ फुल्ला की क्यारी है
देखो निकी सोहनी लग्दी मैया शेरावाली है
चिट्टा........