ऐकली खड़ी रे मीरा बाई एक्ली खड़ी ओ हो

ऐकली खड़ी रे मीरा बाई एक्ली खड़ी ओ हो
मोहन आओ तो सही गिरधर आओ तो सही
माधव रे मंदिर में मीरा बाई ऐकली खड़ी

थे केहवो तो सांवरा मैं मोर मुकुट बन जाऊं
पेहरण लागे साँवरों रे, मस्तक पर राम जाऊं,  वारे
मोहन आओ तो सही गिरधर आओ तो सही
माधव रे मंदिर में मीरा बाई ऐकली खड़ी

थे केहवो तो सांवरा मैं काजलियो बन जाऊं
नैन लगावे साँवरों रे, नैना में रम जाऊं,  वारे
मोहन आओ तो सही गिरधर आओ तो सही
माधव रे मंदिर में मीरा बाई ऐकली खड़ी

थे केहवो तो सांवरा मैं जल जमुना बन जाऊं
न्हावन लागे साँवरों रे, अंग अंग रम जाऊं रे, म्हें तो  
मोहन आओ तो सही गिरधर आओ तो सही
माधव रे मंदिर में मीरा बाई ऐकली खड़ी

थे केहवो तो सांवरा मैं पुष्प हार बन जाऊं
कंठ में पहरे साँवरों रे, हिवड़ा पर रम जाऊं, म्हें तो
मोहन आओ तो सही गिरधर आओ तो सही
माधव रे मंदिर में मीरा बाई ऐकली खड़ी

थे केहवो तो सांवरा मैं पग पायल बन जाऊं
नाचन लागे साँवरों रे, चरणा में रम जाऊं, म्हें तो
मोहन आओ तो सही गिरधर आओ तो सही
माधव रे मंदिर में मीरा बाई ऐकली खड़ी
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