शिव की नगरी का सूंदर नजारा बड़ा,
शिव खोड़ी चलो देख ते देख ते,
ये प्रकति ने भाखेरी है सूंदर छटा,
इन पहाड़ो को मैं तो रहा देख ते,
शिव की नगरी का सूंदर नजारा बड़ा,
जब कटरा से आगे बड़े हम जरा देखा सूंदर नजारा हरा और भरा,
देख के ये नदी और झरने यहाँ मन हरशीत हुआ देख ते देख ते ,
शिव की नगरी का सूंदर नजारा बड़ा,
है धनसर का पावन ये धाम यहाँ इसके दर्शन बिना जाये कैसे कहा,
ये नो देवियां माँ विराजी यहाँ मन परपुलित हुआ देख ते देख ते,
शिव की नगरी का सूंदर नजारा बड़ा,
शैलेंदर चलो शिव खोड़ी चले शिव से चल के वाहा सारे हम सब मिले,
बैठ कर के गुफा में वही दो घडी शिव से विनती करे देख ते देखते,
शिव की नगरी का सूंदर नजारा बड़ा,