बाबा जी मेरे भोले बाबा जी,
राजा जी महाकाल राजा जी,
चोखट पे आ गई, जो कोई भी हस्ती,
हर चीज मिलेंगी मेहगी हो या सस्ती,
मेरे बाबा भोले नाथ पे अब छोड़ दें कस्ती,
भूतों के राजा की सजती है,
ये बस्ती बाबा तेरी नगरी में किरपा बरसती.....
दुनिया के झूठे लोगों से रिश्ता नहीं रखना,
महाकाल के चरणों में मुझको तो है रहना,
मेरे बाबा भोलेनाथ की किरपा का क्या कहना,
जन्मों जनम की प्यास तो इस धाम पे बुझती.....
दासी है है तेरे द्वार की चरणो से लगाले,
दर्शन की प्यासी आंखे अपने पास बुलाले,
‘हीना’ को जोगी बनके तेरे दर पे बिठाले,
बाबा की एक झलक को दुनिया है तरसती.....