तेरी भांग न रगड़ी जांदी हो ओ भोले भंडारी,
टूटी खुंडी टुटेया सोटा,
भांग न रगड़ी जांदी हो ओ भोले भंडारी,
रहने में तेरा महल नहीं से,
तेरा स्मशाना में डेरा ओ भोले भंडारी,
तेरी भांग न रगड़ी जांदी हो ओ भोले भंडारी,
खाने में तेरा लाज नहीं से,
तू करे से पेट पुजारी रे ओ भोले भंडारी,
तेरी भांग न रगड़ी जांदी हो ओ भोले भंडारी,
इक दिन रगड़ू दो दिन रगड़ू,
क्या रोज की बीमारी हो ओ भोले भंडारी,
तेरी भांग न रगड़ी जांदी हो ओ भोले भंडारी,
रगड़ रगड़ के मैं तंग आई,
मैं तो हिमाचल में जाऊगी ओ भोले भंडारी,
तेरी भांग न रगड़ी जांदी हो ओ भोले भंडारी,