क्या खिलाया जाए क्या पिलाया जाए,
बोल भोलेनाथ तुम्हें क्या भोग लगाया जाए......
आप खुश हो जाएं मैं वों ही मंगवा दूं,
आक़ धतूरे की बूटी बोलो पिसवादू,
बोलो भोले जी बोलो जरा अखियां तो खोलो,
भांग घुटवादू किसमिस डाली जाए, बादाम मिलाया जाए,
बोल भोलेनाथ तो तुम्हे क्या भोग लगाया जाए.....
बर्फी रबड़ी कलाकंद भी आ जाए,
हलवा पूरी बोलो तो अभी बन जाए,
खीर चूरमा के साथ बोलो हे भोलेनाथ,
और क्या लाऊं दही मंगाया जाए, रायता बनवाया जाए,
बोल भोलेनाथ तुम्हें क्या भोग लगाया जाए....
आम अमरूद खाओ बाबा खरबूजा,
सेब संतरा अनार ले लो तरबूजा,
काले अंगूर प्यारे संग में आलूबुखारे पिओ रुआब्जा,
दूध चढ़ाया जाए जो तेरे मन को भाए,
बोल भोलेनाथ तुम्हें क्या भोग लगाया जाए....
गंगाजल की कावड़ मैं भी ले आऊं,
बड़े प्रेम से भोले जी तुम्हें निहलाऊ,
बोलो बम बम का नारा जो लगे तुझको प्यारा,
फूल बरसाए भस्मी रमाए जाए या शंख बजाया जाए,
बोल भोलेनाथ तुम्हे क्या भोग लगाया जाए.....