ओ साइयाँ मेरा वि घर हॉवे उते करमा दी छा होवे,
मेरे दरवाजे ते लिखियाँ पंजा पीरा दा ना होवे,
साइयाँ मेरा वि घर हॉवे.........
बड़े चावा ते रीजा नाल मैं दर सजावा गा,
दीवे दरवाजे वाला गा मैं महफ़िल जद करावा गा,
ला दे हर रोज खुशियां दा मेरे घर विच समा होवे,
साइयाँ मेरा वि घर हॉवे........
बने लंगर जदो घर विच मौला मासुम ावन गे,
रखन गे पैर जद वेहड़े मेरी किस्मत जगावण गे,
ख्वावा मैं जिथे लंगर कोई ऐसी भी था होवे,
साइयाँ मेरा वि घर हॉवे.....
दुआ पूरी होवे जिस वेले ओ वेला वखा साइयाँ,
तू सुन्दा है गरीबा दी मेरी भी गल बना साइयाँ,
सूखा दा चन रवे चढ़ दा दुखा दा हर दिन भरा होवे,
साइयाँ मेरा वि घर हॉवे