अब तक तो निभाया आगे भी निभा देना
हे नाथ मोरी नैया उस पार लगा देना
संभव है झंझटो में मैं तुम को भूल जाऊ
पर नाथ कही तुम भी मुझको न बुला देना
हे नाथ मोरी नैया उस पार लगा देना
तुम देव मैं पुजारी तुम इष्ट मैं पउपासक
अगर बात ये है सच तो सच करके दिखा देना
हे नाथ मोरी नैया उस पार लगा देना
दल बल के साथ माया घेरे जो आके मुझको
तुम देखते न रहना झट आजे बचा लेना
हे नाथ मोरी नैया उस पार लगा देना