मिलना सब से बन्दे प्रेम और प्यार से,
एक दिन जाना होगा झूठे संसार से ।
अपनी अदालत में मालिक बुलाएगा,
उसके फैसले से तुझको कौन बचाएगा ।
आँसू बहायेगा तू कर्मो की मार से,
एक दिन जाना होगा झूठे संसार से ॥
ईश्वर की भक्ति में जिसे विशवास हुआ,
प्रभु उसके पास और वो प्रभु जी के पास हुआ ।
रावण का नास हुआ उसके अहंकार से,
एक दिन जाना होगा झूठे संसार से ॥
भक्ति की भावना से ऐसे से भी मोड़ आए,
अपने भकत की खातिर नंगे पाँव दौड़ आए ।
बैकुंठ छोड़ आए गज की पुकार से,
एक दिन जाना होगा झूठे संसार से ॥