गुरू जम्भेश्वर की आरती कीजे

गुरू जम्भेश्वर की आरती कीजे।
रूप अलोकिक सब निरखीजे।।

समराथल पर आप विराजे।
गल मोतियन की माला साजे।।

भंगवी टोपी रूप निराला।
माता हंसा लोहट जी के लाला।।

आदी विष्णु जी के हो अवतारी।
लीला अद्भुत है प्रभु थारी।।

सदानन्द पर किरपा कीजो।
मानव जनम सफल कर दीजो।।

रचनाकार:-स्वामी सदानन्द जोधपुर

श्रेणी
download bhajan lyrics (1084 downloads)