आया जो भी कोई फरयादी तूने उसकी बिगड़ी बना दी,
साई मैंने भी अर्जी लगा दी,
सईया जब से लगन तेरी लगाई है,
अज़ब सकूँ है अज़ब सी मस्ती छाई है,
ये इश्क़ तेरा ऐसा ही करिश्माई है,
रेहमते तूने ही अपनी सब पे लुटाई है
आया जो भी कोई फरयादी तूने उसकी बिगड़ी बना दी,
तेरी भोली सी सूरत दिल में यु समाई है,
फिर कोई सूरत इस दिल को नहीं भाई है,
जिधर भी देखु उधर तेरी परछाई है,
तेरे वजूद से इस जग में खुदाई है,
आया जो भी कोई फरयादी तूने उसकी बिगड़ी बना दी,
तुझसे मिलने से पहले मैं कितना बेहाल हुआ,
जब से थामा है तेरा हाथ मैं निहाल हुआ,
अब कभी छोड़ना न हाथ मेरे बाबा तुम ,
गया अगर ववर में डूभ तो फिर कभी न पार हुआ,
आया जो भी कोई फरयादी तूने उसकी बिगड़ी बना दी,