क्या शिकायत करू क्या मैं शिकवा करू मेरी बिगड़ी बनाना तेरे हाथ है
गर्दिशो से जमाने की मैं क्यों डरु मेरे तो साईं तू साथ है
क्या शिकायत करू क्या मैं शिकवा करू मेरी बिगड़ी बनाना तेरे हाथ है
तेरा साया जो जिस पे वो खुशहाल है,
बाल बांका न हो जिस की तू ढाल है,
तुझसे क्या है छिपा साईं बाबा मेरे सामने तेरे हालत है
क्या शिकायत करू क्या मैं शिकवा करू मेरी बिगड़ी बनाना तेरे हाथ है
सचे मन से यो मांगे है तुझे कोई
पूरी इक पल में आशा भी उसकी हुई,
तेरे दरबार में साईं पूरी हो वो
मन में मेरे भी जो बात है
क्या शिकायत करू क्या मैं शिकवा करू मेरी बिगड़ी बनाना तेरे हाथ है
हम गुलामो की सुन तुझसे है इल्तजा
सब की बिगड़ी बना दे यही है दुआ,
तेरे दर से कोई खाली जाता नही सब को मिल जाती सोगात है
क्या शिकायत करू क्या मैं शिकवा करू मेरी बिगड़ी बनाना तेरे हाथ है