मन डगमग डगमग डोले
मैं कैसे भजन करूँगा
मन में विश्वाश न होगा,
मैं कैसे अम्ल करूँगा,
मन डगमग डगमग डोले
साईं श्रधा दो साईं सबुरी दो,
मन में वैर ये है उल्जन,
मुझ पापी को क्या होंगे दर्शन
साईं बाबा से मिलने की मैं कैसे लग्न करुगा,
मन डगमग डगमग डोले
जिब्या साईं रटे गी कैसे,
लख चोरासी कटेगी कैसे,
मन को वश में कर लेगा अमिन कैसे जतन करूँगा,
मन डगमग डगमग डोले
नागर ने जो देखा दर पर ,
व्यर्थ गवाया मैंने जीवन,
मैं अपने अभिमान को तेरे दर पे दमन करूँगा,
मन डगमग डगमग डोले