शिरडी वाले मैं न सुनोगे तेरे शान निराली है,
कैसे तेरी शिरडी आउ पौकेट मेरी खाली है,
शिरडी वाले मैं न सुनोगे तेरे शान निराली है,
तू भरता है झोली सब की जो भी सवाली आता है,
खाली झोली ला कर के वो भर के झोली जाता है,
मुझ पर भी तू किरपा करदे मुझपे नजर न ढाली है,
कैसे तेरी शिरडी आउ पौकेट मेरी खाली है,
बाबा थोड़ी किरपा करदे मुझको दर पे भुलाले तू,
मैं परिवार के साथ में चरणों संग लगा ले तू,
मुझपर भी तू कर्म कमा दे रेहम नजर न ढाली है,
कैसे तेरी शिरडी आउ पौकेट मेरी खाली है,
मैं जब तेरे दर आऊंगा खाली न फिर जाउगा,
बाबा तेरे दर्शन पा के धन्य धन्य हो जाउगा,
मैंने सुना है साई सब की भरता झोली खाली है,
कैसे तेरी शिरडी आउ पौकेट मेरी खाली है,
तेरे दर कोई कमी नहीं है खाली ना लौटाना तू,
भर कर झोली घर जाउगा अगले साल भुलाना तू,
रवि चन्दर ये सुनते आये कोई न बात टाली है,
कैसे तेरी शिरडी आउ पौकेट मेरी खाली है,