माँ के दर पे लगा हुआ है भक्त जानो का मेला
बाँट रहा है सब को खुशीआं माँ का दर अलबेला
मेरी मैया जी के द्वारे ढोल बाजे रे,
मेरी माँ काली के द्वारे ढोल बाजे रे ।
ढोल बाजे रे, ढोल बाजे रे,
मेरी मैया जी के द्वारे ढोल बाजे रे ॥
माँ के द्वारे सवाली इक आया रे,
माँ के लिए वो चुनर इक लाया रे ।
माँ को चुनर प्यारी लागे रे,
मेरी मैया जी के द्वारे ढोल बाजे रे ॥
माँ के द्वारे सुनार इक आया रे,
माँ के लिए वो कंगना लाया रे ।
माँ को कंगना वो प्यारा लागे रे,
मेरी अम्बा जी के द्वारे ढोल बाजे रे ॥
माँ के द्वारे दर्जी इक आया रे,
माँ के लिए वो चोला लाया रे ।
माँ को चोला प्यारा लागे रे,
मेरी मैया जी के द्वारे ढोल बाजे रे ॥
माँ के द्वारे पुजारी इक आया रे,
माँ के लिए वो हलवा लाया रे ।
माँ को हलवा वो प्यारा लागे रे,
मेरी अम्बा जी के द्वारे ढोल बाजे रे ॥