जय माँ काली जय माँ काली,
देखा काली महाकाली के रतन चमके,
जय माँ काली,
काली माई के चरण ये भवन महके,
जय माँ काली,
गले मुण्डमाल धारी, सोवे हाथ में कटारी,
भैया लहे लहे अलख जगा,
जय माँ काली,
देखा काली महाकाली के रतन चमके,
जय माँ काली,
काली माई के चरण ये भवन महके,
जय माँ काली,
गले मुण्डमाल धारी, सोवे हाथ में कटारी,
भैया लहे लहे अलख जगा,
जय माँ काली जय माँ काली,
जय हो ।
ये कलकत्ता की काली है मैया तू शक्तिशाली है,
पने पने तू करदे लु तू चंडी खप्परवाली है,
शुम्भ निशुम्भ को मारे है महिसासुर के संघारे है,
पापी के लाश करी पल में धरती के भार उतारे है,
माई दुखवा भगावे, माई जग हरसावे,
भैया घड़ी घड़ी काली के मना,
जय माँ काली जय माँ काली,
देखा काली महाकाली के रतन चमके,
जय माँ काली,
काली माई के चरण ये भवन महके,
जय माँ काली जय माँ काली.......
भगता के भाग्य सवारेलु भव से तू पार उतारेलु,
तू दया की देवी हे माई तू पापी के भी तारेलु,
कलकत्ता बा उजियार नगर तू करेलु रक्षा पहर पहर,
मंज़िल भी आस लगा ले माँ हमरे ऊपर मैया कर नज़र,
सुन सुन महारानी दर पे आयी ले तू पानी,
सोनी फूल, पान, नारियल चढ़ा,
जय माँ काली,
देखा काली महाकाली के रतन चमके,
जय माँ काली,
काली माई के चरण ये भवन महके,
जय माँ काली,
गले मुण्डमाल धारी, सोवे हाथ में कटारी,
भैया लहे लहे अलख जगा,
जय माँ काली जय माँ काली,
जय हो,
जय माँ काली जय माँ काली.......