चिंतापूर्णी माँ ओ मेरी चिन्ता हरनी माँ,
तेरा पिपला हेठा डेरा वेखन नु जी करदा मेरा,
चिंतापूर्णी माँ ओ मेरी चिन्ता हरनी माँ,
सोहनी सूंदर पहाड़ी उते माँ तू डेरा लगाया,
कई कंगले वेखे मैं जिह्ना नु तू राह च बिठाया,
जिह्ना ने माँ एक चित होके मैया मन तेरे वल लाया,
ओहना दे सब दुखड़े तू एक पल विच हरदी माँ,
चिंतापूर्णी माँ ओ मेरी चिन्ता हरनी माँ....
पिंडी रूप माँ सोहना तेरा माँ सब दे मन नु भावे,
जो भी तेरे मंदिर दे माँ शरधा दे नाल आवे,
बिन मंगिया ही झोली भरदी झोली भर ले जावे,
चिंतपूर्णी ना तेरा हर चिंता हरदी माँ,
चिंतापूर्णी माँ ओ मेरी चिन्ता हरनी माँ
श्रद्धा दे नाल नारियल माँ नु जो भी भेट चढ़ावे,
श्यामा दी शाह भरे भंडारे थोड़ कोई न आवे,
जो जिस नियत सेवा करदा तेथो तैसा ही फल पावे
माँ ही माँ ओ तर जावे जिसदी भाह फड् दी माँ
चिंतापूर्णी माँ ओ मेरी चिन्ता हरनी माँ