हे माँ मुझको ऐसा घर दे जिस में तुम्हारा मंदिर हो,
ज्योति जगे दिन रेन तुम्हारी तुम मंदिर के अंदर हो,
हे माँ मुझको ऐसा घर दे जिस में तुम्हारा मंदिर हो,
हर इक प्राणी का उस घर का माँ तेरी महिमा गाता रहे,
तू रखे जिस हाल में दाती हर पल शुक्र मनाता रहे ,
कभी न हिम्मत हारे माता चाहे समय वयंकर हो,
ज्योति जगे दिन रेन तुम्हारी तुम मंदिर के अंदर हो,
हे माँ मुझको ऐसा घर दे जिस में तुम्हारा मंदिर हो,