मैं दीवानी हु बाबा तेरी,तेरे हाथो में तकदीर मेरी,
तूने पानी से दीपक जलाये पते नीम के शहद बनाये,
बस आँखों में मूर्त है तेरी,
तेरे हाथो में तकदीर मेरी,
द्वारका माई में देखु मैं जन्नत समाधि मंदिर में मांगू मैं मन्नत,
करू बाबा मैं आरती तेरी,
तेरे हाथो में तकदीर मेरी,
बन गए निर्धन भी धनवान सारे,तूने सबके ही काज सवारे,
दूर कर देना मुश्किल मेरी,
तेरे हाथो में तकदीर मेरी,