नये साल में नया बसेरा,
सिया राम को बनाये.
तन मन धन से सब मिल कर पावन पुण्ये कमाए,
जय बोलो सिया रावन की अयोध्या है बस राम की,
दुश्मन ने कितना रोका फिर भी झंडी हरी,
सदियों तक न भूलेगा सीख बड़ी ही कड़ी,
लेके पावन ध्वजा हाथ में जय जय कार बुलाये,
तन मन धन से सब मिल कर पावन पुण्ये कमाए,
झूमे नाचे गाये सब प्रभु राम फिर आयगे.
चांदी हीरे मोती झडे सिंगाशन पे बिठायेगे,
फूलो के संग पलके अपनी राहो में उनके बिछाए,
तन मन धन से सब मिल कर पावन पुण्ये कमाए,
राम जन्म की पावन भूमि सब के मन को भाती है ,
जो भी आके शीश जुकाए मुक्ती मोक्ष दिलाती है,
झुके जमाना बत्रा ऐसा मंदिर भव्य सजाये,
तन मन धन से सब मिल कर पावन पुण्ये कमाए,