तर्ज :- मेरे उठे विरहा की पीर
खुशियाँ छाई है अवध मैं खुशियाँ छाई है
भगवे ने किया कमाल अवध मैं खुशियाँ छाई है
1. बरसो से जो देखा सपना वो पूरा हो गया
चाहा वहां मंदिर बनकर त्यार हो गया
तोड़:- बाजे ढोल नगाड़े संख बजे बाजे सहनाई है
2. सजी अयोध्या दुल्हन सी सब देख के हरसाए
अम्बर से सब देवी देवता फूल बरसाए
तोड़ :-भाई लक्मण सीता संग खड़े मेरे रघुराई है
3.धरती का कण कण बोले जयकारा राम का
सब दुनिया मैं बाजे डंका जिनके नाम का
तोड़ :-भगवे मैं रंगा संसार राम किरपा बरसाई है
4. जिसने तोड़े मंदिर बदले जिसने धरम यहाँ
जाग उठा अब हिन्दू छुपकर बैठे हो कहा
तोड़ :-जब हुआ सनातन एक वहां महंत रंग लाई है
5. कहता त्यागी भगवे रंग की बात ही नयारी है
भगवे रंग मैं रंगने की अब कर ली तयारी है
तोड़ :-भगवे के रंग मैं रंगी सुनीता महिमा गाई है