कितना सुंदर मृग नाथ पंचवटी आया है

कितना सुंदर मृग नाथ,
पंचवटी आया है,
लाओ मृग को पकड़,
नाथ मेरे मन को भाया है.....

सुनी राम सीता की वाणी,
तुरंत उठे कसी धनुष कमानी,
लाये धनुष और बाण,
मृग के पीछे आया है,
कितना सुंदर मृग नाथ,
पंचवटी आया है,
लाओ मृग को पकड़,
नाथ मेरे मन को भाया है.....

मृग ने कपट किया,
अति भारी,
जाके गगन में,
आवाज निकाली,
बोल कपट के बोल,
भैया लक्ष्मण को पुकारा है,
कितना सुंदर मृग नाथ,
पंचवटी आया है,
लाओ मृग को पकड़,
नाथ मेरे मन को भाया है.....

सुनकर सीता अकुलाई,
मन में धीरज आवत नाहीं,
सुनों लखन के वीर भैया जी,
संकट आया है,
कितना सुंदर मृग नाथ,
पंचवटी आया है,
लाओ मृग को पकड़,
नाथ मेरे मन को भाया है.....

बोले लखन धीर धरो माता,
आज्ञा होय तुम्हारी मैं जाता,
तीन लोक के नाथ,
उन्हें कोई मार ना पाया है,
कितना सुंदर मृग नाथ,
पंचवटी आया है,
लाओ मृग को पकड़,
नाथ मेरे मन को भाया है.....
श्रेणी
download bhajan lyrics (370 downloads)