कभी तेरी चौकठ न छोड़ेगे हम,
चाहे ख़ुशी हो बाबा चाहे हो गम,
किया हमसे जीवन ये तेरे हवाले,
जैसे भी चाहे हम को नचा ले,
सेवा करेंगे तेरी जब तक दम,
कभी तेरी चोखट ना...
एहसान कितने तेरे बता भी न पाउ,
पाप है कितने मेरे गिना भी न पाउ,
करता है फिर भी कितने मुझपे कर्म.
कभी तेरी चोखट ना....
जब से मिली मुझको शरण ये तुम्हारी,
दूर हुई बाबा बिपदा ये सारी,
तेरी ये किरपा बाबा कभी हो न कम,
कभी तेरी चोखट ना....
तेरी लगन में मगन हो जाऊ,
करदो दया रजनी सदा गुण मैं गऊ,
तेरी चाकरी में बिते मेरा हर जनम,
कभी तेरी चोखट ना