शिर्डी वाले साईं तेरी महिमा अप्रम पार,
तू नानक तू ही इशवर आल्ल्हा तु मेरा सरजन हार,
मेरे शिरडी वाले साईं तेरी महिमा अप्रम पार,
कण कण में तेरी माया जरे जरे में तू है,
जिस से जीवन महक उठा वो साईं तेरी खुशबू है,
तीनो लोक के वासी तेरा करते है सत्कार,
साई देवा साई देवा
मेरे शिरडी वाले साईं तेरी महिमा अप्रम पार,
तूने अपनी महिमा से पानी से दीप जलाये,
भर देता तू झोली जिसपे अपना कर्म फरमाये,
साईं तेरी शिरडी से मिलता सब भक्तो को प्यार,
मेरे शिरडी वाले साईं तेरी महिमा अप्रम पार,
धरती अम्बर झुक जाते है पा कर तेरा इशारा,
बाबा चाहे रुक सकती है तेज समे की धारा,
जीना मरना हाथ में तेरे है मेरे करतार,
मेरे शिरडी वाले साईं तेरी महिमा अप्रम पार,
आये सवाली बन कर साईं उसको देता प्यार,
दास गुरु साईं का काज तुझे नमन करे हर बार,
रवि चंदर को शरण में लेलो कहे हमसर हर बार,
मेरे शिरडी वाले साईं तेरी महिमा अप्रम पार,