हर ग्यारस पे दर्शन करने आएंगे
ये वादा है दर श्याम के जाएंगे
खाटू की गलियों की हमको भा गयी पावन मिटटी
इसी मिटटी में किस्मत हमने रोज़ बदलते देखी
खाटू जाकर माथे इसे लगाएंगे
ये वादा है दर श्याम के जाएंगे
हार गया जो इस दुनिया से श्याम है उसका साथी
भगतों की हर मुश्किल पहले श्याम से है टकराती
हम भी अपनी मुश्किल उसे बताएँगे
ये वादा है दर श्याम के जाएंगे
श्याम के दर पे राजा और महाराजा हाथ पसारे
श्याम धनी लखदातारी सबके भरता भंडारे
झोली भरकर शर्मा हम भी लाएंगे
ये वादा है दर श्याम के जाएंगे
हर ग्यारस पे ........