साँवरिया तुने कहाँ देर लगाई,
यमुना किनारा क्यों न आया कन्हाई,
सदिया बिता दी मैंने तेरे इंतज़ार में,
तेरे बिन नहीं कोई मेरा संसार में,
मुरली की धुन कही देती न सुनाई,
यमुना किनारा क्यों न आया कन्हाई,
तेरी अर्जु ने किया मुझको दीवाना,
महंगा पड़ा है मुझे दिल का लगाना,
दिल से तेरी छवि जाए न जुदाई,
यमुना किनारा क्यों न आया कन्हाई,
ये बेरुखी मेरे सरताज क्यों है,
इतना बता दे मुझसे नाराज क्यों है,
ऊचे विकास मेरी सुध क्यों भुलाई,
यमुना किनारा क्यों न आया कन्हाई,