मुझे कुछ तो कहो नन्द लाल,
की फागुन फिर से खड़ा है आन,
तुमहे क्या रंग लगाऊ कौन सा रंग लगाऊ,
हरा क्या लगाऊ तुम पहले हरी हो,
नीला क्या लगाऊ तुम नील मणि हो,
क्या मुख पे लगाऊ रंग लाल तुम हो बांके बिहारी लाल,
तुमहे क्या रंग लगाऊ कौन सा रंग लगाऊ,
गुलाबी जो लगाऊ तुम दीखते गुलाब हो,
गौरग लगाउ तुम खुद की गौरंग हो,
क्या काला मालू मैं सरकार के तुम हो कालो के भी काल,
तुमहे क्या रंग लगाऊ कौन सा रंग लगाऊ,
बदली जो लगाउ तुम बदल न जाना,
बुरा जो लगाऊ तुम भूल ना जाना,
क्या भगवा लगाऊ भगवन है इस में रंगे हुए हनुमान,
तुमहे क्या रंग लगाऊ कौन सा रंग लगाऊ,
संत कहे तोहे पीला ही सुहावे,
भानु सुता तेरे मन में समाये,
हरिदासी लिया पहचान अब तो पीला ही डालू घनश्याम,
तुमहे क्या रंग लगाऊ कौन सा रंग लगाऊ,