कावड़ का मेला आया रे भोले का जादू छाया रे,
नील कंठ पे जाके सारे धूम मचावा गे,
कावड़ लयावागे भोले की कावड़ ल्यावागे,
सब से पहले गंगा जी में जाके घोते लावा,
हरिद्वार में बम बम की हम जय जय भुलावा,
शिव भगता के संग में झूमा नाचा गावा गे,
कावड़ लयावागे भोले की कावड़ ल्यावागे,
दिल्ली यूपी हरयाणे से जा भगता का टोला,
भोले नाथ का तीन लोक में माच रहा से रोला,
भोले नाथ से मिल के फुले नहीं समावा गे,
कावड़ लयावागे भोले की कावड़ ल्यावागे,
भीम सेन तू देर करे न जल्दी कर ले तयारी,
सवान के महीने में भोला बात देख रहा म्हारी,
भोले नाथ से हम भी घुट घुट के बतलावा गे,
कावड़ लयावागे भोले की कावड़ ल्यावागे,