शिव शंकर दे रंग निराले,
ताहियो शिव नु पूजन सारे,
पे के भांग प्याले सारे भंग ऐसा कुछ कर गई,
भोले शंकर दी भांग वाली मस्ती चढ़ गी,
भोले शंकर दी नाम वाली मस्ती चढ़ गी,
गल विच फनियर पाया उस ने,
तन ते भसम रमाया उस ने,
मथे चन सजाया उस ने जटा च गंगा वग दी,
भोले शंकर दी भांग वाली मस्ती चढ़ गी,
जेहड़े शिव दर हाज़री भर दे,
ओहना दे शिव दुखड़े हरदे,
ऐसी कर्म नवाजी करदे मेहर रखन हर घर दी,
भोले शंकर दी भांग वाली मस्ती चढ़ गी,
शिव शंकर दा रूप निराला,
आखे रिंकू डंडा वाला,
मिनी सलीम दे वांगु सब भगता दी झोली भरदी,
भोले शंकर दी भांग वाली मस्ती चढ़ गी,