मैं तो दीवानी हु मैं तो दीवानी हु,
मेरी मैया बिन हश्रर मैं अक्सर ही आती हु
तेरा रूप सलोना नैनो बीच बसाई हु,
ले जाऊ गी रूप चुरा कर इसी लिये आई हु,
मैं तो दीवानी हु मैं तो दीवानी हु,
मैं तो भली जाऊ थारे कजरे पे लट घुंगराले ये गजरे पे,
जैसा मैंने सुना था मियां वैसा ही पाई हु
मैं तो दीवानी हु मैं तो दीवानी हु,
इक बालकियाँ चंद हार करे लाली माथे मुकट जैसे ज्योत वले,
पाँव की पैजनियां मैं सोने की लिए हु,
मैं तो दीवानी हु मैं तो दीवानी हु,
चुनरी सोहे रंग लाल चटक मन रुतबा भी मोहे गई अटक,
ना जाऊगी यही रहु गी इसी लिये आई हु,
मैं तो दीवानी हु मैं तो दीवानी हु,