हमको ये तो बता दो ओ मैया,
तेरा जलवा कहा पे नही है......
लोग पिते है पी पी के गिरते,
हम पीते है फिर भी ना गिरते,
हम तो पीते है सत्संग का प्याला,
कोई अंगूरी की मदिरा नही है,
हमको ये तो बता दो ओ मैया,
तेरा जलवा कहा पे नही है......
लोग खाते है खा खा के सोते,
हम तो खाते है फिर भी ना सोते,
हम तो खाते है हल्वा और पूरी,
कोई इडलि या ढोसा नही है,
हमको ये तो बता दो ओ मैया,
तेरा जलवा कहा पे नही है......
आँख वालो ने तुम को देखा,
कान वालो ने तुमको सुना है,
तुमको देखा नही उसी ने,
जिसकी आँखों पे पर्दा पड़ा है,
हमको ये तो बता दो ओ मैया,
तेरा जलवा कहा पे नही है......