सिर पे दोनों हाथ फेर दे तेरा की घट जावे गा
तेरा कुछ न बिगड़े गा तेरा टाबरियां तर जावेगा,
सिर पे दोनों हाथ फेर दे तेरा की घट जावे गा
कब से द्वार खड़ा है थारे माहरी और निहारो जी,
कोई नहीं है संगी साथी थारो इक सहारो जी,
श्री चरना की सेवा दे दो भव सागर तर जावेगा,
सिर पे दोनों हाथ फेर दे तेरा की घट जावे गा
सुभम रूपम के इतनी अर्जी भूल से मत न जाजियो जी,
जब भी कोई आफत आवे दौड़ाया दौड़ाया आजो जी,
इक नजर माहरे पे कर दो जन्म जन्म गुण गावा गा,
सिर पे दोनों हाथ फेर दे तेरा की घट जावे गा