तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी लड़खड़ाती संभल गयी,
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
यह तो मेरे सनम का कमाल है,
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी लड़खड़ाती संभल गयी,
जिस घर में जलती ज्योत तेरी,
उस घर की हालत सुधर गयी,
वहां मौत भी करवाहट बदल गयी,
यह तो लड़खड़ाती संभल गयी,
तेरे दर.....
जिस तन में बस गयी सूरत तेरी,
उस मन की कलख धूल गयी,
इंसान तो क्या हेहवानो की तेरे नाम की फिसरत बदल गयी,
यह तो लड़खड़ाती संभल गयी,
तेरे दर.....
जिस घर मे जलती ज्योत तेरी,
उस घर की हालत सुधर गई,
वहा मौत वी करवट बदल गई यह तो लड़खड़ाती संबल गई,
तेरे दर.....
जब मैंने खुदा के नूर को,
महसूस दिल से है किया,
तेरे कर्म से या खुदा मेरी भी बिगड़ी सम्बल गई,
तेरे दर.....
बोल बांके बिहारी लाल की जय
जय जय श्री राधे