क्या मांगू सांवरे तुझसे जो तू ही मिल गया बाबा
तुम्हारी प्रेम बरखा में ये जीवन खिल गया बाबा
ये क्या काम है के सांवरिया तेरा दीदार होता है
बड़ी मायूसी थी मन में वो मंज़र टल गया बाबा
क्या मांगू सांवरे तुझसे...........
कोई ना पूछता था तब मगर अब तेरी रेहमत है
मैं खोता सिक्का था जग में वो सिक्का चल गया बाबा
क्या मांगू सांवरे तुझसे...........
के जबसे इन निगाहों में तेरी तस्वीर रहती है
मेरे दुःख का जो सूरज था वो सूरज ढल गया बाबा
क्या मांगू सांवरे तुझसे...........
हुआ है तुमसे याराना ये चोखानी की किस्मत है
दिया था इस ज़माने ने ज़ख़्म वो सील गया बाबा
क्या मांगू सांवरे तुझसे...........
तुम्हारी प्रेम बरखा में ये जीवन खिल गया बाबा
क्या मांगू सांवरे तुझसे ............