हर घडी आप का ध्यान करता रहु,
और करता रहु आप की बंदगी,
बस यही कामना है गुरुवार मेरे,
आप के चरणों में बीते ये जिंदगी,
हर घडी आप का ध्यान करता रहु,
जब से चरणों का मुझको है अमृत मिला,
सारा जीवन कमल की तरह से खिला,
मेरे अवगुण सभी दूर मुझसे हुए और आकर गुणों का खजाना मिला,
जानते है ज़माने में सभी बात ये आप के चरणों से पाई है हर ख़ुशी,
हर घडी आप का ध्यान करता रहु,
झूठे जग से किया दूर मन को मेरे,
सच्चे ज्ञान का मार्ग दिखाया मुझे,
इक कंकड़ था मैं और कुछ भी नहीं,
आप ने ही कोहिनूर बनाया मुझे,
इक रही को पर्वत किया आपने,
आप के जैसा कोई नहीं पार क्यों,
हर घडी आप का ध्यान करता रहु,
जब तलक सांसे तन में रहे गी मेरे आप की महिमा को यही गाता रहु,
मैंने ईश्वर को देखा नहीं है कही आप के रूप में उसको पाता रहु,
मैंने बस ये सुना था हुआ अब यकीन गुरु चरणों में सारी ही श्रिस्टी वसि,
हर घडी आप का ध्यान करता रहु,