शिव भोले तुम्हारा ही बजरंग अवतारी है,
तुम दोनों में अंतर क्यों इतना भारी है,
तुम व्याह किया भोला संग पारवती जी के,
माँ अंजनी का लाला पूरा ब्रह्मचारी है,
तुम दोनों में अंतर क्यों इतना भारी है,
तुम भूतो के राजा संग भूत प्रेत रहते,
शेतानो का दुश्मन बाबा बलकारी है,
तुम दोनों में अंतर क्यों इतना भारी है,
तुम भस्म रमाते हो श्मशान की आँखों से,
इस में सिंदूर मला ये लीला न्यारी है,
तुम दोनों में अंतर क्यों इतना भारी है,
तुम श्रिस्ति के स्वामी तिरलोक तेरा भोला ,
तुम रहे बन के सेवक करि सेवा भरी है,
तुम दोनों में अंतर क्यों इतना भारी है,