माई म्हारो सुपनामा परनेया रे दीनानाथ

माई म्हारो सुपनामा,
परनेया रे दीनानाथ

छप्पन कोटा जणा पधारया,
दुल्हो श्री बृजनाथ
सुपना मा तोरण बंध्या री,
सुपनामा गहया हाथ

सुपनामा म्हारे परण गया,
पाया अचल सुहाग
मीरा रो गिरिधर मिलिया री,
पूरब जनम रो भाग्य

download bhajan lyrics (1861 downloads)