भोग ला लै भोग ला लै ठाकुरा,
बड़ा डाडा गुस्सा धन्ने जट्ट डा,
ओह ला लै प्रेम नाल भोग वे,
असा तेरा पीछा नहिओ छड़ना,
ओह भोग ला लै....
आज भगता ने ज़िद किती,
असा घर नही जाना ए,
तुसी खावो ते खावगे,
नही ता भूखे मर जाना ए,
ओह भोग ला लै....
पेड़े मखना दे खा खा के,
तू ते बिग्गड़ गयो शामा,
आज लस्सी ते ठोड़े दा,
साडा मान रखी शामा,
ओह भोग ला लै.....
सुन भगता दी अर्ज प्रभु,
रज भोग लगा लै वे,
अपने भगता नू आ कर के,
श्यामा दर्श दिखा दे वे,
ओह भोग ला लै....